6 महत्वपूर्ण संकेत 6 Vital signs in Hindi
6 महत्वपूर्ण संकेतों 6 Vital signs in Hindi को जानने से पहले आपको यह जानना जरुरी है कि महत्वपूर्ण संकेत क्या होते है ? अपनी शैक्षिक यात्रा शुरू करने वाली इच्छुक नर्सों को महत्वपूर्ण संकेतों सहित आवश्यक प्रक्रियाओं की गहन समझ की आवश्यकता होती है। इस व्यापक मार्गदर्शिका “महत्वपूर्ण संकेत – नर्सिंग छात्रों के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका” में, हम नर्सिंग छात्रों के लिए महत्वपूर्ण संकेत प्रक्रिया का पता लगाएंगे, इसके परिचय, परिभाषा, उद्देश्य, प्रक्रिया की तैयारी, चरण-दर-चरण प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। पश्चात की देखभाल, नर्सिंग संबंधी विचार, और भी बहुत कुछ। यह लेख आपके विशेषज्ञ साथी के रूप में काम करेगा, जो बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर प्रदान करेगा। अधिक जानकारी के लिए आप वाइटल साइन्स प्रोसीजर पीडीएफ भी डाउनलोड कर सकते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं:
Vital Signs in Hindi
Vital signs किसी इन्सान के वह signs हे जिससे यह पता चलता है कि इन्सान के शरीर के जरूरी organs किस प्रकार कार्य कर रहे है व vital signs से important organs कि कार्य करने कि स्थिति का पता चलता है। साथ ही साथ आपको यह पता चलता है कि वह इन्सान जीवित है या नहीं।
Vital signs meaning in Hindi
Vital signs दो शब्दों से मिलकर बना है, जहा Vital का अर्थ होता है कि हमारे शरीर का जरूरी या महत्वपूर्ण organ एवं sign का अर्थ होता है कि उस organ द्वारा उत्पन्न किये गए संकेत। Vital signs का meaning यह है की किसी व्यक्ति विशेष के जीवनसूचक संकेत, जिससे आपको यह पता चलता है की वह व्यक्ति जीवित है या नहि।
Vital Sign in Nursing
जब कोई भी कोई व्यक्ति अस्पताल में भर्ती होता है तो सर्वप्रथम Health Care Worker को मरीज के vital signs को check करना होते है। अब आपको यह पता होना चाहिए कि-
- vital signs क्या होते है? ( What are Vital Signs ? )
- कितने vital signs होते हैं? ( How many Vital Signs ? )
- नॉर्मल Vital Signs क्या होते हैं? ( What are normal Vital Signs ? )
- vital signs को केसे लिया या चेक किया जाता है? ( How to tack Vital Signs ? )
- कौनसे vital sign से किस organ कि स्थिति ज्ञात होती हैं? ( Which Vital Signs shows condition of which organ ? )
- Vital Signs क्यों महत्वपूर्ण है? ( why are vital signs important ? )
- vital signs के मॉनिटर को केसे पढ़ते है ?
- Nursing में Vital Sign की परीभाषा क्या होती हैं? ( Definition of Vital Sign in Nursing ? )
- Normal Vital sign ?
- Normal Vital sign for adult ?
- Pediatric Vital sign ?
- Normal Pediatric Vital sign ?
- Newborn Vital sign ?
- What are the 4 vital sign ?
- What are the 5 vital sign ?
- What are the 7 vital sign ?
vital signs Definition in Hindi महत्वपूर्ण संकेत परिभाषा
vital signs महत्वपूर्ण संकेतों में माप का एक सेट शामिल होता है, जिसमें हृदय गति, रक्तचाप, श्वसन दर, तापमान और ऑक्सीजन संतृप्ति शामिल है। ये माप किसी मरीज के महत्वपूर्ण शारीरिक कार्यों के मूल्यांकन के लिए आवश्यक हैं।
vital signs क्या होते है ? What are Vital Signs ?
जेसा कि आपने पढ़ा कि Vital signs किसी इन्सान के वह signs हे जिससे यह पता चलता है कि इन्सान के शरीर के जरूरी organs किस प्रकार कार्य कर रहे है व vital signs से important organs कि कार्य करने कि स्थिति का पता चलता है। जिसमे एक Health Care Worker द्वारा मुख्यतः 4 Vital signs – रक्तचाप (Blood pressure), तापमान (Temperature), श्वास (Breathing) और हृदय गति (Heart Rate) जाचे जाते है।
महत्वपूर्ण संकेत उद्देश्य
महत्वपूर्ण संकेतों की निगरानी का प्राथमिक उद्देश्य सामान्य सीमा से किसी भी विचलन का पता लगाना और संभावित स्वास्थ्य समस्याओं की तुरंत पहचान करना है। यह नर्सों को समय पर कार्रवाई करने में सक्षम बनाता है, जिससे मरीजों के लिए सर्वोत्तम संभव देखभाल सुनिश्चित होती है।किसी अस्पताल में नर्सों द्वारा महत्वपूर्ण संकेत लेने का महत्वपूर्ण उद्देश्य इस मौलिक स्वास्थ्य देखभाल प्रक्रिया के महत्व को रेखांकित करता है। महत्वपूर्ण संकेत लेने के महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं:
- स्वास्थ्य समस्याओं का शीघ्र पता लगाना
- समग्र स्वास्थ्य का आकलन
- उपचार के प्रति प्रतिक्रिया की निगरानी करना
- गिरावट के लक्षणों की पहचान करना
- सिलाई देखभाल योजनाएँ
- रोगी सुरक्षा बढ़ाना
वाइटल साइन्स लेने का संकेत
महत्वपूर्ण संकेतों की नियमित रूप से विभिन्न नैदानिक सेटिंग्स, जैसे अस्पतालों, दीर्घकालिक देखभाल सुविधाओं, क्लीनिकों, सामुदायिक क्षेत्रों और औद्योगिक क्षेत्रों में निगरानी की जाती है। वे रोगी के मूल्यांकन या असामान्यता का शीघ्र पता लगाने का एक मानक हिस्सा हैं और आपातकालीन स्थितियों में भी अनुरोध किया जा सकता है।
कितने vital signs होते हैं ? How many Vital Signs ?
अब आपको ज्ञात है की मुख्यतः 4 Vital signs होते है। जिसमे Blood pressure, Temperature, Breathing and Heart Rate आते है।
Blood pressure – शरीर में खून के प्रवाह की गति को Blood pressure कहते है।
Temperature – शरीर द्वारा गर्मी के स्तर को बनाए रखने की विशेषता को Temperature कहते है।
Breathing – शरीर द्वारा श्वास लेने व छोड़ने की क्रिया को Breathing कहते है।
Heart Rate – शरीर में दिल के धडकने की गति को Heart Rate जिसे हम pulse rate भी कहते है।
SpO2– Saturation of peripheral oxygen in blood stream, इसका यह तात्पर्य है कि आपकि आपकि रक्त वाहिकाओ में oxygen कि कितनी मात्रा है जो के हीमोग्लोबीन के साथ प्रवाहित होती है। SpO2 को 5th Vital signs माना गया है। SpO2 कि आवश्यकता आप कोरोना महामारी के समय जान हि गए है यह भी शरीर का महत्वपूर्ण संकेत होता है जो के फेफड़ो व श्वास के सम्बन्ध से जुड़ा हुआ है।
Pain- pain को 6th Vital signs माना गया है। जी हा दर्द भी एक प्रकार का शरीर का महत्वपूर्ण संकेत Vital signs होता है जो यह सुनिश्चित करता है कि मरीज किस अवस्था में है । यही आपका 6 Vital signs है ।
Normal Vital sign सामान्य महत्वपूर्ण संकेत
सामान्य रक्तचाप (Normal Blood pressure)उम्र के अनुसार तालिका में निम्नलिखित है–
Age | Systolic normal range | Diastolic normal range |
newborn | 46-92 | 38-72 |
3 years | 72-110 | 40-74 |
10 years | 84-122 | 40-74 |
16 years | 94-120 | 48-86 |
शरीर के सामान्य तापमान (normal body temperature) इस प्रकार है:
Age | Centigrade | Fahrenheit |
3 – 11 months | 37.4 | 99.0 |
1 – 3 years | 37.6 | 99.4 |
4 – 7 years | 37 | 98.6 |
8 – 13 years | 36.8-37 | 98-98.4 |
सामान्य श्वास दर (normal Breathing) इस प्रकार है:
उम्र | श्वास दर |
नवजात | 20 – 40 श्वास प्रति मिनट |
1-6 साल | 20 – 40 श्वास प्रति मिनट |
6-13 साल | 14 – 30 श्वास प्रति मिनट |
13 से ज्यादा कि उम्र | 12 – 22 श्वास प्रति मिनट |
सामान्य नाड़ी दर ((normal Pulse Rate))तालिका में दी गई है
Age | Pulse Rate |
Newborn | 100 – 170 |
year | 80 – 170 |
3years | 80 – 130 |
6years | 70 -116 |
10years | 70 -110 |
14years | 60 -110 |
18&years | 60 -100 |
सामान्य SpO2 –
91 – 100 %
कौनसे vital sign से किस organ कि स्थिति ज्ञात होती हैं? Which Vital Signs show the condition of which organ ?
जेसा की आपको पता है की मुख्यतः 4 vital sing check करते है जो क्रमशः Blood pressure, Temperature, Breathing and Heart Rate आते है जिससे आपको मरीज के शरीर के अंदरूनी महत्वपूर्ण अंगो की जानकारी प्राप्त होती है वह किस स्थति में कार्य कर रहे है।
- Blood pressure– Blood pressure से आपको यह पता चलता है की
मरीज के शारीर में खून का प्रवाह किस गति से चल रहा है व heart के अन्दर किस गति का contraction और rilexation हो रहा है जिससे खून की गति का संचालन होता है यह आपको Blood pressure से पता चलता है। - Temperature –Temperature का अर्थ यह होता है की मरीज के शारीर का तापमान कितना है जो अंदरूनी अंगो को सुचारू रूप से चलाता है।
- Breathing – Breathing से यह तात्पर्य है कि मरीज के lungs एक मिनट में
कितनी बार श्वास को ले व छोड़ रहे है इससे यह भी ज्ञात होता है की lungs कितनी बार expand व relax होते है, यह Diaphragm की सहायता से होता है। - Heart Rate -Heart Rate से आपको मरीज के Heart की धडकने की गति का पता चलता है की वह एक मिनट में कितने बार धडकता है।
Vital Signs क्यों महत्वपूर्ण है? ( why are vital signs important ? )
Vital Signs हि वह Signs है जिससे यह पता चलता है की वह जीवित है या नही? Vital Signs इसलिए महत्वपूर्ण है क्योकि इससे यह पता चलता है की जो मरीज है उसके शरीर के महत्वपूर्ण अंग किस प्रकार कार्य कर रहे है, जिससे यह पता चलता है की वह मरीज जीवित है या नहीं? Vital Signs से मरीज की पूर्ण स्थति तो ज्ञात नही होती पर यह basic जानकारी जरुर मुहय्या करता है जो मरीज के इलाज में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
What are the 5 vital signs?
जेसा कि आपको ज्ञात है की मुख्यतः 4 Vital signs होते है। जिसमे Blood pressure, Temperature, Breathing and Heart Rate आते है। परन्तु एक Vital sign को भी शामिल किया गया है जो के ऑक्सीजन का saturation होता है, जिसे SpO2 कहते है जिसका full form– Saturation of peripheral oxygen होता है जिसका अर्थ होता है की मरीज के खून में ऑक्सीजन की कितनी मात्रा प्रवाहित हो रही है, जो lungs के function को संधार्भित है। SpO2 को % (प्रतिशत) में मापते है।SpO2 को pulse oximeter की सहायता से लिया जाता है ।
रोगी की तैयारी
महत्वपूर्ण संकेत लेने से पहले आपको मरीज की सामान्य स्थिति को समझना चाहिए और यह ताकी की स्थिति पर भी निर्भर करता है। महत्वपूर्ण संकेत जो नियमित देखभाल या आपातकालीन स्थिति हो सकते हैं। नियमित देखभाल में, रोगी के लिए आरामदायक और निजी वातावरण बनाना महत्वपूर्ण है। प्रक्रिया समझाएं, सूचित सहमति प्राप्त करें, और सुनिश्चित करें कि माप से पहले रोगी आराम कर रहा है। कई मामलों में, महत्वपूर्ण लक्षण लेने के लिए रोगी की तैयारी अस्पताल सेटिंग्स के प्रोटोकॉल पर निर्भर करती है।
Vital signsको केसे लिया या चेक किया जाता है? How to tack Vital Signs?
Vital signs लेने का सबसे आसन तरीका एक Health Care Worker के लिए 5 मिनट वाला procedure है। जिसमे सबसे पहले मरीज को आरामदायक स्थति मे लेटाया जाता है व सर्वप्रथम Health Care Worker मरीज का Blood pressure BP instrument (Spegnomanometer) की सहायता से लेते है। यह क्रिया लगभग 2 मिनट में हो जाती है यदि Health Care Worker का clinical experience अच्छा हो तो। BP लेने के बाद अब आप thermometer की सहायता से मरीज के शारीर का तापमान को मापेन्गे उसके लिए आप मरीज के बगल में thermometer लगा देवे एवं मरीज के हाथ को पेट व छाती के बिच में रख कर उसकी श्वास को अनुभव करे एव दर्ज करे कि 1 मिनट में मरीज कितनी श्वास ले रहा / रही है। श्वास दर्ज करने के बाद अब आप मरीज कि pulse जिसे Heart Rate कहते है को अपनी उंगलियों के tips pulse जाचने वाली site पर रख कर अनुभव करे। मरीज की Heart Rate लेने के बाद जो आपने thermometer लगाया था वह check कर लेवे जिससे आपको मरीज के शारीर का तापमान दर्ज कर लेवे। इस प्रकार आप 5 मिनट में आप मरीज के vital sing ले लेंगे।
चरण-दर-चरण महत्वपूर्ण संकेत प्रक्रिया 6 Vital signs in Hindi step by step procedure
आइए महत्वपूर्ण संकेतों के आकलन की चरण-दर-चरण प्रक्रिया पर गौर करें।5 मिनट में महत्वपूर्ण संकेत लेने के लिए, आप इन चरणों का पालन कर सकते हैं:
रोगी को तैयार करें
रोगी को एक आरामदायक कुर्सी पर बैठाएं, उसके पैर फर्श पर सपाट हों और उसकी पीठ को सहारा मिले।उनके महत्वपूर्ण संकेत लेना शुरू करने से पहले उन्हें 5 मिनट के लिए आराम करने के लिए कहें।
तापमान लें.
रोगी की जीभ के नीचे एक थर्मामीटर रखें और उन्हें अपना मुंह, बगल, या जो भी स्थान आप पसंद करते हैं, उसे बंद करने के लिए कहें। निर्माता प्रोमैक्सिलरी द्वारा निर्दिष्ट समय के लिए थर्मामीटर को उसी स्थान पर छोड़ दें, इसमें 3 या 3 मिनट से कम समय लगेगा। उस बचे हुए समय में आपको श्वसन का अवलोकन करना है। शरीर का सामान्य तापमान लगभग 98.6°F या 37°C होता है।
श्वसन दर लें.
रोगी की छाती पर, निपल्स के बीच में दो उंगलियां रखें और देखें कि छाती कितनी बार ऊपर-नीचे होती है, वह ऊपर-नीचे किसी विशेष रोगी की सांस के रूप में मापी जाती है। एक मिनट तक सांसों की संख्या गिनें। जब आप सांसों के अवलोकन में पारंगत हो जाएं तो इस तरकीब का उपयोग करें कि आप 15 सेकंड तक सांसों की संख्या गिनें। प्रति मिनट श्वसन दर प्राप्त करने के लिए इस संख्या को 4 से गुणा करें। वयस्कों के लिए सामान्य सीमा 12-20 साँसें प्रति मिनट है।
रक्तचाप लो.
ब्लड प्रेशर कफ को रोगी की ऊपरी बांह के चारों ओर, कोहनी में मोड़ से लगभग 1 इंच ऊपर लपेटें।कफ को इस प्रकार रखें कि धमनी मार्कर बाहु धमनी के ऊपर केन्द्रित हो।स्टेथोस्कोप को कफ के ठीक नीचे बाहु धमनी पर रखें।कफ को तब तक फुलाएं जब तक नाड़ी गायब न हो जाए।फिर, पहली ध्वनि (सिस्टोलिक दबाव) और अंतिम ध्वनि (डायस्टोलिक दबाव) सुनते हुए धीरे-धीरे कफ से हवा छोड़ें। यदि आप डिजिटल स्फिग्मोमैनोमीटर का उपयोग करते हैं, तो आपको केवल राइट में कफ लपेटना होगा और स्टार्ट बटन दबाना होगा, यह स्वचालित रूप से रक्तचाप और नाड़ी माप को भी मापता है।वयस्कों के लिए सामान्य रक्तचाप लगभग 120/80 मिमी एचजी है।
नाड़ी ले लो.
यदि आप डिजिटल रक्तदाबमापी का उपयोग कर रहे हैं, तो नाड़ी का माप या मान पहले से ही गिना जाता है, लेकिन यदि आप मैन्युअल रूप से मापते हैं तो अपने प्रमुख हाथ की दो अंगुलियों को रोगी की कलाई के अंदर, अंगूठे के आधार के ठीक नीचे रखें।हल्के से दबाएं और 15 सेकंड तक धड़कनों की संख्या गिनें।प्रति मिनट नाड़ी दर प्राप्त करने के लिए इस संख्या को 4 से गुणा करें।वयस्कों के लिए नाड़ी की सामान्य सीमा 60-100 बीट प्रति मिनट है।
ऑक्सीजन संतृप्ति लें
ऑक्सीजन संतृप्ति को मापने के लिए, एक पल्स ऑक्सीमीटर को उंगलियों पर रखें, यह ऑक्सीजन संतृप्ति स्तर निर्धारित करता है। सामान्य ऑक्सीजन संतृप्ति आमतौर पर 95% या अधिक होती है।
एक बार जब आप सभी महत्वपूर्ण संकेत ले लें, तो उन्हें रोगी चार्ट या इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड में दर्ज करें।
महत्वपूर्ण संकेतों को तुरंत और सटीक रूप से लेने के लिए यहां कुछ युक्तियां दी गई हैं:
सबसे सटीक तापमान रीडिंग के लिए डिजिटल थर्मामीटर का उपयोग करें।
यदि आपको नाड़ी और श्वसन दर को मापने में कठिनाई होती है, तो आप इसे सुनने के लिए स्टेथोस्कोप का उपयोग कर सकते हैं।
यदि रोगी मोटा है, तो आपको बड़े रक्तचाप कफ का उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है।
यदि रोगी को हृदय संबंधी समस्याओं का इतिहास रहा है, तो आपको उसका रक्तचाप अधिक बार मापने की आवश्यकता हो सकती है।
कृपया ध्यान दें कि ये सामान्य दिशानिर्देश हैं। हमेशा अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के विशिष्ट निर्देशों का पालन करें।
वस्तुओं की देखभाल के बाद
महत्वपूर्ण संकेतों का मूल्यांकन पूरा करने के बाद, आपको सेटिंग्स प्रोटोकॉल के अनुसार वस्तुओं को कीटाणुरहित करना होगा, सामान्य तौर पर, थर्मामीटर को कीटाणुरहित करना होगा, और बीएमडब्ल्यू दिशानिर्देशों के अनुसार किसी भी कचरे को त्यागना होगा। परिणामों का सटीक दस्तावेजीकरण करना आवश्यक है। किसी भी असामान्य निष्कर्ष को आगे के मूल्यांकन और उपचार के लिए तुरंत स्वास्थ्य देखभाल टीम को सूचित किया जाना चाहिए।
नर्सिंग संबंधी विचार
महत्वपूर्ण संकेतों के मूल्यांकन की सटीकता सुनिश्चित करने में नर्सें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्हें उन कारकों के बारे में पता होना चाहिए जो रीडिंग को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे रोगी की स्थिति, पर्यावरण और उपकरण अंशांकन।
निष्कर्ष
महत्वपूर्ण संकेत प्रक्रिया को समझना नर्सिंग छात्रों के लिए सर्वोपरि है क्योंकि यह रोगी के मूल्यांकन और देखभाल की नींव बनाता है। इस व्यापक मार्गदर्शिका में परिचय, परिभाषा, उद्देश्य, तैयारी, चरण-दर-चरण प्रक्रिया, देखभाल, नर्सिंग संबंधी विचारों का पता लगाया गया है और आवश्यक प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं। इस प्रक्रिया में महारत हासिल करके, नर्सिंग छात्र इष्टतम स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित हैं। अधिक विशेषज्ञ मार्गदर्शन और संसाधनों के लिए, हमारे अन्य लेख देखें।
पूछे जाने वाले प्रश्न
यदि किसी मरीज के महत्वपूर्ण लक्षण सामान्य सीमा से बाहर हों तो क्या होगा?
यदि किसी मरीज के महत्वपूर्ण लक्षण सामान्य सीमा से बाहर आते हैं, तो यह एक अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे मामलों में, आगे के मूल्यांकन के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को तुरंत सूचित किया जाना चाहिए
और हस्तक्षेप.
क्या महत्वपूर्ण संकेतों का मूल्यांकन केवल अस्पतालों में ही किया जाता है?
नहीं, महत्वपूर्ण संकेतों का आकलन विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल सेटिंग्स में किया जाता है, जिसमें क्लीनिक, डॉक्टर के कार्यालय और यहां तक कि घर में देखभाल भी शामिल है। वे रोगी मूल्यांकन का एक मानक हिस्सा हैं।
क्या चिंता से महत्वपूर्ण लक्षण प्रभावित हो सकते हैं?
हाँ, चिंता और तनाव महत्वपूर्ण संकेतों को प्रभावित कर सकते हैं। चिंतित मरीज़ों की हृदय गति और रक्तचाप में वृद्धि देखी जा सकती है। स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के लिए मूल्यांकन के दौरान इन कारकों पर विचार करना महत्वपूर्ण है।
महत्वपूर्ण संकेतों की कितनी बार जाँच की जानी चाहिए?
महत्वपूर्ण संकेतों के आकलन की आवृत्ति रोगी की स्थिति पर निर्भर करती है। कुछ मामलों में, हर 4-8 घंटे में उनकी जाँच की जा सकती है, जबकि गंभीर देखभाल में, इसकी निरंतर निगरानी की जा सकती है।
क्या महत्वपूर्ण संकेतों का आकलन करने से पहले सूचित सहमति प्राप्त करना आवश्यक है?
महत्वपूर्ण संकेतों के मूल्यांकन सहित किसी भी चिकित्सा प्रक्रिया से पहले सूचित सहमति आवश्यक है। यह सुनिश्चित करता है कि रोगी को प्रक्रिया के बारे में पता है और इसे आयोजित करने के लिए सहमति प्रदान करता है।
महत्वपूर्ण संकेतों के मूल्यांकन में सामान्य त्रुटियाँ क्या हैं?
महत्वपूर्ण संकेतों के मूल्यांकन में सामान्य त्रुटियों में अनुचित उपकरण उपयोग, अपर्याप्त रोगी तैयारी और दस्तावेज़ीकरण गलतियाँ शामिल हैं। इन त्रुटियों को कम करने के लिए नर्सों को उचित प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहिए।
कृपया कोई भी संदेह पूछ सकते हैं या यदि आपके पास कोई प्रश्न है तो टिप्पणी अनुभाग में नि:शुल्क पूछें या हमारे सामाजिक मंच से जुड़ें।
Vital signs Procedure in English
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